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मानसिकता

कितनी अजीब मानसिकता है ना कुछ लोगो कि बेचारा एक गरीब बच्चा अपने पेट भरने के लिये कुछ करता है तो लोग उसे बाल मजदूरी कहते है वहीं दूसरी ओर किसी अमीरजादे का बच्चा कोई काम करे तो लोग उसे हुनर का नाम देते है ,जबकि दोनो ही काम करते हैं लेकिन फर्क बस इतना है कि एक बेचारा अपनी लाचारी के कारण अपना पेट भरने के लिये मजदूरी करता है वहीं दूसरा अपने पैसे कमाने और शौक  के लिये काम करता है और उसे बाल  कलाकार की संज्ञा  दी जाती है ,हालाकि उसे ऐसी कोई मजबूरी नही रहती। मेरे अनुसार तो भूखा मरने  से अच्छा अपने बल पर  कुछ कर के जीवित रहना ज्यादा सही है। एक ओर गरीब  का बच्चा खाने के लिये परेशान  है लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि अमीरों के बच्चे खेलने के लिये परेशान हैं,ना जाने कब बदलेगी ये मानसिकता ना जाने कब बदलेगी हमारी सोच! इस मामले में एक बेहतर विकास और बदलाव की कामना करते हुए बस इतना ही...... 

BMC की क्रूरता

कंगना रनौत के साथ हुई क्रूरता ने तो हद की सारी दहलीज ही पार कर दी, कुछ लोग  कहते  हैं की वो बहुत बोलती हैं ,गृहमंत्री तक उनको धमकी देते हैं, कई लोग उन्हें पागल तक कहते हैं। पर इन सब को एक तरफ करके हम देखे तो हमे BMC (Bombay municipal corporation) की दिल दहला देने वाली हरकत दिखायी देगी,ना कोई सूचना ना ही कंगना की उपास्थिती उन्होनें लॉक डाउन के दौरान उनके ऑफिस पर बुलडोजर चलवा दिया,क्या उनको जरा सा भी रहम नहीं आया ? जिस दफ्तर को ना जाने कितने मेहनत से खड़ा किया होगा उसे चंद मिनटो मे उन्होने ढाह डाला। भले ही आप लोग उनसे सहमत हो या असहमत पर उनकी गैर मौजूदगी मे ऐसा सलूक शर्मनाक है। भले ही किसी ने सच बोलने की हिम्मत ना की, लेकिन ये जबाज लड़की जिस तरह अकेली शेरनी की भांति जंग लड़ रही है इसमे हम  इनके साथ हैं। जो लोग अपने ओहदे के अहंकार मे आकर एक स्त्री के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं भला वो क्या सम्मान करेंगे एक स्त्री का ! ऐसे लोग तो सिर्फ देश चलाने के दिखावे का जाल ही बुन सकते हैं। लेकिन सच  बोलने वालो के साथ ये ज्यादती आखिर कब तक ? ?

आसान चॉकलेट केक रेसिपी😋

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सामग्री- 1 पैकेट बर्बन बिस्किट              1 ग्लास पानी              इनो( फ्रूट साल्ट )               विनेगर (1छोटा चम्मच)             डेरी मिल्क चॉकलेट              बैंकिंग पावडर (1/4 चम्मच)            बिस्किट के क्रीम को पानी मे मिला कर पेस्ट बनाकर रख लें सबसे पहले हम बिस्किट को मिक्सर की सहायता से बारीक पीस  लेंगे और उसको पानी में मिलाकर बढ़िया सा पेस्ट बना लेंगे,ऐसा की वो बहुत पतला ना हो और ना ज्यादा गाढ़ा हो, उसके बाद पेस्ट मे हमे मिलाना है इनो,विनेगर और बैंकिंग पावडर उसके बाद हमें इसे जिस बर्तन मे बनाना है उसे लेना है और उस बर्तन के अन्दर घी लगा देना है चारो तरफ और उसमे पेस्ट को पलट देना है। अब बेक करने की बारी आती है जिनके पास ओवेन है वो उसमे 15 मिनट  बेक कर लें,जिनके पास नही है वो कुकर,कड़ाही में नमक रख कर उसे गरम कर के किसी बर्तन पर केक के बर्तन को रख कर ढक कर 15 मिनट तक पका लें। चेक  करने के लिये की केक पका  है या नही हम किसी साफ लकड़ी या टूथपीकर की मदद से उसमे चुभा के देख सकते हैं,अगर टूथपीकर मे केक ना लगे तो वह पक चुका है,उसे हम उतार लें और  ठंडा कर लें। उसके बाद  केक  को किसी

बेरोजगारी

बढ़ती आबादी और प्रौद्योगिकी के युग मे ना जाने हम कितने आगे निकल चुके हैं। लेकिन अभी व जहा रोजगारी की बात आती है वहा हम कही ना कही पीछे छुट जाते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है की आज भी कई लोग गरीबी से बुरी तरह जुँझ रहे हैं, किसी के पास खाने के लिये रोटी नही है,तो किसी के पास पहनने  को कपड़े तक नही है,तो किसी के पास रहने के लिये मकान नही है, तो कई विभिन्न बीमारी से जुँझ रहे है और उसके पास ईलाज के लिये पैसे नही हैं। अब बात आती है क्या ये बेरोजगारी कम होगी,होगी तो कैसे कम होगी ? क्या सिर्फ सरकारी नौकरी ही रोजगार का जरिया हो सकती ? रोजगार करने  के लिये ना सिर्फ हमारी सरकार को बेहतर प्रबन्ध की अवश्यकता है बल्कि हर उस व्यक्ति को एक बेहतरीन प्रबंधन की अवश्यकता है जो इस योग्य है की वो अपने बलभुते पर कोई काम कर सके जिससे उनका और लोगो का भी भला हो। हर  एक व्यक्ति  के अन्दर कला है जरुरत है तो उसे निखरने की ,ताकि कोई भी व्यक्ति बेरोजगार ना रहे। मुझे लगता है हम इसी तरह इस समस्या से निपट सकते  हैं।

दस्तूर तोहफों का

 ना जाने किसने बनाया तोहफों  का दस्तूर बेचारा गरीब मिलने से कतराने लगा,आज के जमाने  मे लोगों के प्रेम को हम गिफ्ट्स  से तौलने लगे हैं,आखिर क्या यह सही है ? आजकल रिवाज़ बन चुका है कि अपना प्यार जताने के लिये गिफ्ट्स देना जरुरी है,क्या जो गिफ्ट्स नहीं देते उनके बीच कम प्यार है ? किसी का बर्थडे हो,ऐनिवर्सरी हो या कोई प्रोग्राम,गिफ्ट ले जाना एक रश्म जैसा बन गया है। लोग तो प्रोग्राम के बीतने  के बाद पूछते भी हैं क्या गिफ्ट मिला ? मिला तो ठीक है गलती से जवाब उनके मन का नहीं  मिला तो वो आपको जिसने गिफ्ट नहीं दिया उसे कंजूस और ना जाने क्या-क्या बना देंगे। लोग भी अपनी इज्जत पर ना आ जाये इस कारण अपनी प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिये लेन-देन का सिलसिला  जारी रखते हैं।

छोटी-सी मैना (कहानी)

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आज सुबह-सुबह जैसे ही मैंनेे कुछ व्यायाम करके अपने मकान की छत पर टहलना शुरू किया था कि देखा छत के एक छोर पर दो चिड़ियां "मैना"  मेरे छत की मुंडेर पर  शोर मचा  रही हैं । पहले तो  ध्यान नहीं दिया पर मुझे ऐसा लगा कि कुछ बात है जब उनके पास जाने लगा तो वे मेरे मकान से सटे कूप में उड़ान भरने के लिए चल दी। लगा  शायद शोर  करते उड़ान भरते कुछ इशारा कर रही हैं । उनके पीछे पीछे नजर  दौड़ाई तो देखा कुएँ में वे जाकर शोर मचा रही हैं और फिर वहां से उड़ान भर  बाहर जाकर दूसरे के छत पर से हम लोगों पर वे लगा कि नजर रख रही हैं । कुएं में देखा कि  कुएं के पानी में एक बेबी बर्ड छटपटा  रही है । पता नहीं कब से कुएँ में गिरी बड़ी थी। अपने बच्चों को आवाज़ लगाई तो वे रस्सी व बाल्टी लेकर आये और काफी प्रयास के बाद उसे बाहर निकालने में सफल हुए । फिर बाहर छत पर जैसे ही उसे रखा गया देखा गया कि ठंड से वह कांप रही थी ।थोड़ी देर बाद धूप से वह गर्मी पाकर कांपना  कम किया । फिर थोड़ी देर बाद वह आवाज़ भी निकालने लगी। देखा दूर से दो चिड़ियां आवाज़ कर रही हैं ।हम लोग दूर हटना उचित समझे। फिर वे दोनों मेरे छत की मुंडेर पर

Our Teacher

Who are teacher ? Kya sirf profession se jo teacher hote hai whi hmare teacher h? In my opinion who help you, to learn,inspire, motivate is equal to our teacher.Ghar me hme apne parents se ,bahar me dosto se,colleague se, school me teacher se bahut kuch sikhne ko milta h. Hmare teacher hme positive energy dete h ,hme unki  respect krna chahiye . Bachpan se hi ma,bap  hmare liye phle teacher hote  hain hme unse bahut kuch sikhne ko milta h. Vo hme kathin se kathin rasto me se bahar nikal lete hain or hme hr galat sahi ka gyan dete hain. Please respect them and be always in touch of them. Sabhi teachers ko mera pranam🙏🙏🙏🙏🙏   Happy teacher day.   To Apke jiwan me jo apko inspire  krne wala sbse special person h unhe aj ke din call karke unhe unka importance feel kraiye.

Marketing

 Dosto aj hm marketing ke kuch important topics par bahut hi saral sabdo me discuss  krenge ki marketing  kya h and iske kuch basic philosophies,advantages,Element etc. To hm start krte hain...marketing ise bahut hi saral sabdo me hm khe to marketing is a human activity,jisme ki hm apne needs nd wants ko exchange ke madhyam se satisfy krte hain.some advantages of marketing : 1. Marketing  hme carrier opportunities  offer krta h. 2. Marketing  help to build our national income 3. Beneficial  to consumers.  5 philosophies are: Product concept  Production concept Selling concept Marketing concept Societal concept Production is the oldest concept among them. 4 ps of marketing - price,place,promotion,product planning International marketing- marketing  process jo  sirf domestic level tk na hokr internation level tk faila ho that is called international marketing.

ख़्वाहिश

 आइये आज  हम सब विचार करते है- एक समस्या पर। यह समस्या है  लगभग उन सब परिवारों  की  जिसमें माँ-बाप  बड़े ही प्यार से अपने बेटा-बेटी को पाल- पोषकर बड़ा करते हैं ,उनको पढ़ा लिखा कर योग्य बनाते हैं। साथ ही अपनी बढ़ती उम्र के साथ अपने बच्चों के सुंदर सपने पाले रहते हैं कि आगे  का समय उनका सुखद एहसास बनेगा। फिर उन बच्चों की धूमधाम  से शादी  करते हैं,बेटी तो अपने ससुराल को सजाने-सँवारने  चली जाती है और अब नयी खुशियों के साथ स्वागत होता है एक बहू का। अब हम आते है उस समस्या पर जिसपर हमने चर्चा शुरू की है : अधिकांश घरों मे शिकायत होती है की सास बहू मे नहीं बन रही है और धीरे-धीरे यह कलह का रूप  ले लेता है। आखिर ऐसा क्यों होता है,गलती किसकी होती है? प्रभावित कौन-कौन होते है? क्या इसे टाला जा सकता है और परिवार को उस सुख और शुकून से जी लेने लायक आनन्दमय  बनाया  जा सकता है ? जिसकी माँ-बाप ने कल्पना की थी, इन्हीं  सब सवालों  और उनके मान्य निराकरण  पर क्रमवार इस मंच से चर्चा करते हैं। आज बस इतना ही । फिर अगली बार ........

प्यार

बहुत से लोगो के जहन में सवाल आता है प्यार क्या है ? कई लोग तो अपने मुताबिक इसको परिभाषित भी कर लेते हैं। अब सवाल उठता  है क्या सिर्फ एक लड़का और लड़की ही प्यार में  हो सकते है ? नहीं ,ऐसा बिल्कुल भी नहीं है,प्यार तो वो भावना है जो हमे एक दूसरे से बांधे रखता है,प्यार मां-बाप,भाई-बहन,दोस्त जैसे कई संबंधों में पाया जाता है । हम जिससे प्यार करते हैं  उसके हर सुख-दुःख में उसके साथ खड़े होते हैं,कुछ भी सही गलत करते वक़्त हमें उनका ख्याल होता है,उसे हर तकलीफ़ से दूर रखते हैं, हर सम्बन्ध की अपनी-अपनी मर्यादाएं होती हैं ,जगह होती हैं, हम इसे तौल नहीं सकते। माँ का प्यार, बहन-भाई  का प्यार,पति-पत्नि का प्यार, दोस्तों का प्यार सबका अपना एक अहम स्थान है। क्या आपको  नहीं लगता कि हमें  इसे एक दूसरे से तौलने की जरुरत नहीं है। सच्चा प्यार तो वही  है जिसमें सम्मान  हो,स्वीकार हो,एक-दूसरे  का ख्याल हो,परवाह हो। अगर हम अपने रिश्तों को समय ना दें तो वो खराब हो जायेंगे, हर रिश्ते में प्यार है  लेकिन क्या उनमें से किसी  एक को चुनना आसान है ? बताईयेगा जरुर !

परिवार (एक रिश्ता प्यार का)

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 परिवार शब्द तो बहुत  ही जाना  पहचाना और सुना-सुना  सा लगता हैं। जिन लोगो के साथ हम  रहते  है,खाते पीते  है हर एक सुख- दुख  बाँटते हैं वही हमारा परिवार  है। आजकल के आधुनिक  युग मे रोटियाँ  कमाना सरल है लेकिन परिवार बनाना  बड़ी  बात हैं  जिस तरह कछुँए का कवच उसका उपरी कठोर वाला  हिस्सा होता है ठीक  उसी प्रकार हमारा  परिवार ही हमारा  कवच  है। जिस तरह  कछुआ उसको हटा  दे तो वह असुरक्षित है उसी तरह  हम अपने परिवार से अलग होकर असुरक्षित  हैं।   भले ही पुरी दुनिया आपके  खिलाफ  हो लेकिन लाख  गलती के बाद  भी  हमारा  परिवार, हमारे  माता-पिता  हमें समझा-बूझा  कर हमारे साथ  खड़े  होते है।  तो प्लीज अपनो से जुड़े  रहे, सुरिक्षत और खुुँँश रहे क्योंकि वही हमारी असली ताकत हैं। 

सिनेमा का शोर

 मनोरंजन की दुनियाँ में  सिनेमा मनोरंजन के अनेक साधनों में  से एक हैं, अचरज  की बात तो ये है की आजकल ये सिर्फ मनोरंजन  का ही साधन नहीं बल्कि  अनेक अपराधों एवं गाली -गलौज का स्रोत बन  गया  हैं अब तो इसकी पहुँच और भी सुलभ हो गयी है,  छोटे से बच्चे भी इसकी पहुँच के बहुत ही नजदीक हैं क्योंकि हर एक के हाथ में मोबाइल है। रोड पर चलते मनचलों  की बद्तमीज़ी और खून-खराबे  का शोर  इसका जीता जागता उदाहरण  हैं। आजकल ऐसी  ही फिल्में  ज्यादा  बिकती  हैं  जिसमें  फूहड़ता की छाप, कत्ले-आम  और गालियाँ  भरी  हों। अच्छी नैतिकता वाली पिक्चरें तो कहीं पीछे  ही छूट गयी हैं। क्या  ऐसी फिल्में देख कर  आज  के नागरिकों  और  बच्चों  में सभ्यता का विकास हो सकेगा ? क्या यही सब देख  कर हम  सब एक बेहतर भविष्य की कामना कर सकते हैं ?

जीवनसाथी

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एक शख्स हो जीवन में हो  बहुत  ही खास,बाँट  सकूँ  सब  कुछ  मैं  जिसके  साथ  और जो जीवन भर  ना  छोड़े  मेरा साथ , बिन बोले समझ  जाये वो मेरी  हर बात ,उसके साथ   हर  दर्द  झेल जाने को जी  चाहता  हैं । वो  एक शख्स  जो सात  फेरे और  सात वचनों  को साथ  मिल कर निभाता  हैं ,इज्जत  और  अपनापन देकर वो  दुनिया की हर  बुरी नजरों से बचाता हैं ,उसके  लिये हर जनम  साथ निभाने  को जी चाहता हैं। वो एक शख्स  जो  मेरी  हर  छोटी-छोटी  खुशियों  को  संभाले  चलता है ,अपनी ख्वहिशों  को नजरअंदाज  कर वो  मेरे  सपनें  जीना  चाहता  हैं ,हर  गम  उसके लिये पीने को जी चाहता  हैं और  हाँ वही शख्स सच्चा जीवनसाथी  कहलाता  हैं।

GOODS AND SERVICE TAX (GST)

  Today i write a very general topic because most of us are not know about GST  much extra, we hear this  much but we don't know  about some general things about this topic so i start- GST  we know these term as good and service tax, First country to pass G.S.T bill - France in 1954 but the concept of GST is originated in canada it is a Indirect tax, approx 140 country implemented GST bill. By rajya sabha GST Passed - 3 aug. 2016,and lok sabha it is 8 aug. It is also recomended by  vijay kelkar commitee,head office  of GST council  is at new delhi. In india assam is the first state to rectify GST bill .GST  bill is introduced as ammendment act 122 (101)  officially it is known welly as 101 act ..mainly in india we knows mainly 3 kinds of GST- CGST, IGST, SGST  India  has highest slab 0f 28%   there are 5 slabs 0%,  5%,12%, 18%, 28% GST started in india - 01 july 2017, jammu and kashmir are the state where GST is not applicable. Advantages - cross utilization, less MFT cost, tax com