छोटी-सी मैना (कहानी)
बात है जब उनके पास जाने लगा तो वे मेरे मकान से सटे कूप में उड़ान भरने के लिए चल दी। लगा शायद शोर करते उड़ान भरते कुछ इशारा कर रही हैं । उनके पीछे पीछे नजर दौड़ाई तो देखा कुएँ में
वे जाकर शोर मचा रही हैं और फिर वहां से उड़ान भर बाहर जाकर दूसरे के छत पर से हम लोगों पर वे लगा कि नजर रख रही हैं । कुएं में देखा कि कुएं के पानी में एक बेबी बर्ड छटपटा रही है । पता नहीं कब से कुएँ में गिरी बड़ी थी। अपने बच्चों को आवाज़ लगाई तो वे रस्सी व बाल्टी लेकर आये और काफी प्रयास के बाद उसे बाहर निकालने में सफल हुए । फिर बाहर छत पर जैसे ही उसे रखा गया देखा गया कि ठंड से वह कांप रही थी ।थोड़ी देर बाद धूप से वह गर्मी पाकर कांपना कम किया । फिर थोड़ी देर बाद वह आवाज़ भी निकालने लगी। देखा दूर से दो चिड़ियां आवाज़ कर रही हैं ।हम लोग दूर हटना उचित समझे। फिर वे दोनों मेरे छत की मुंडेर पर आ गयीं। शायद वे बेबी बर्ड के पैरंट्स हैं। फिर तीनों आपस में बात करने लगी । बेबी बर्ड पहले से कुछ तेजी से आवाज़ निकालने लगी थी । फिर वह कांपना कम कर दी थी और फुदक-फुदक कर चलना शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद देखा कि दोनो चिड़ियां छत के एक छोर पर उस कोने पर शोर करते हुए गयीं जहाँ एक दम से सटा नीम का पेड़ है शायद उसे वे वहीं बुलाना चाहती थीं। यह भी फुदक-फुदक कर उस कोने पर पहुंच गई ।तब तक कई और मैना वहां पर शोर करते हुए पहुंच गयीं शायद उन्हें भी सामाजिक सरोकार का महत्व पता है ।फिर शुरू हुआ उड़ान भरने के लिए प्रशिक्षण ।फिर बेबी बर्ड आवाज़ के साथ उड़ान भरने के लिए प्रयास करने लगी। हम भी उसकी चिंता करने लगे कि कहीं बिल्ली या दूसरे जानवरों उसे नुकसान न पहुँचा देंऔर उड़ान भरने के प्रयास में कहीं वह नीचे गिर कर घायल न हो जाय, और ईश्वर से उसकी कुशलता के लिए प्रार्थना भी करते जा रहे थे । पैरेंटबर्ड भी कभी उसके पास छत के फर्श पर, कभी छत के मुंडेर पर,कभी-कभी नीम की पत्तियों के झुरमुटों में उड़ान भर रही थी । लगा उसे वे वहीं बुलाना चाहती थीं। अब बेबी बर्ड भी छत की मुंडेर पर जाने के लिए प्रयास करने लगी । पैरेंटबर्ड बार बार आवाज़ लगाती उड़ान भरती रहीं। बेबी बर्ड की आवाज़ तेजी से आने लगी । फिर वह क्षण आ गया और देखा कि दोनो चिड़ियां उसे नीम की टहनियों तक उड़ाने में सफल हो गयीं। थोड़ी देर बाद देखा कि बेबी बर्ड तेजी से आवाज के साथ उड़कर जा रही है और साथ में और सारी चिड़ियां भी खुशियाँ मनाते चहचहाते शोर मचाते उसके साथ हो लीं। मैं तुरंत ईश्वर को धन्यवाद करते हुए अपने सुबह-सुबह के नाश्ते के सफर पर आगे बढ़ गयी।
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