परिवार (एक रिश्ता प्यार का)


 परिवार शब्द तो बहुत  ही जाना  पहचाना और सुना-सुना  सा लगता हैं। जिन लोगो के साथ हम  रहते  है,खाते पीते  है हर एक सुख- दुख  बाँटते हैं वही हमारा परिवार  है। आजकल के आधुनिक  युग मे रोटियाँ  कमाना सरल है लेकिन परिवार बनाना  बड़ी  बात हैं  जिस तरह कछुँए का कवच उसका उपरी कठोर वाला  हिस्सा होता है ठीक  उसी प्रकार हमारा  परिवार ही हमारा  कवच  है। जिस तरह  कछुआ उसको हटा  दे तो वह असुरक्षित है उसी तरह  हम अपने परिवार से अलग होकर असुरक्षित  हैं।  भले ही पुरी दुनिया आपके  खिलाफ  हो लेकिन लाख  गलती के बाद  भी  हमारा  परिवार, हमारे  माता-पिता  हमें समझा-बूझा  कर हमारे साथ  खड़े  होते है।  तो प्लीज अपनो से जुड़े  रहे, सुरिक्षत और खुुँँश रहे क्योंकि वही हमारी असली ताकत हैं। 


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