प्यार

बहुत से लोगो के जहन में सवाल आता है प्यार क्या है ? कई लोग तो अपने मुताबिक इसको परिभाषित भी कर लेते हैं। अब सवाल उठता  है क्या सिर्फ एक लड़का और लड़की ही प्यार में  हो सकते है ? नहीं ,ऐसा बिल्कुल भी नहीं है,प्यार तो वो भावना है जो हमे एक दूसरे से बांधे रखता है,प्यार मां-बाप,भाई-बहन,दोस्त जैसे कई संबंधों में पाया जाता है । हम जिससे प्यार करते हैं  उसके हर सुख-दुःख में उसके साथ खड़े होते हैं,कुछ भी सही गलत करते वक़्त हमें उनका ख्याल होता है,उसे हर तकलीफ़ से दूर रखते हैं, हर सम्बन्ध की अपनी-अपनी मर्यादाएं होती हैं ,जगह होती हैं, हम इसे तौल नहीं सकते। माँ का प्यार, बहन-भाई  का प्यार,पति-पत्नि का प्यार, दोस्तों का प्यार सबका अपना एक अहम स्थान है। क्या आपको  नहीं लगता कि हमें  इसे एक दूसरे से तौलने की जरुरत नहीं है। सच्चा प्यार तो वही  है जिसमें सम्मान  हो,स्वीकार हो,एक-दूसरे  का ख्याल हो,परवाह हो। अगर हम अपने रिश्तों को समय ना दें तो वो खराब हो जायेंगे, हर रिश्ते में प्यार है  लेकिन क्या उनमें से किसी  एक को चुनना आसान है ? बताईयेगा जरुर !

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मानसिकता